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धर्मशाला 21 जुलाई : जिला भाषा अधिकारी कांगड़ा सुरेश राणा ने जानकारी देते हुए बताया कि विभिन्न भूमि सुधार कानूनों के क्रियान्वयन के कारण बहुत से देवी-देवताओं की भू-सम्पदा मुजारों/सरकार में निहित होने के फलस्वरूप उनकी आय में भारी कमी आई है। जिस कारण धार्मिक संस्थानों में नित्य प्रति पूजा आदि को विधिवत चलाने, धार्मिक संस्थानों के रख-रखाव को ठीक करने तथा धार्मिक संस्थानों के रख-रखाव हेतू उनकी आय को बढ़ाने के लिए आवर्ति निधि योजना के तहत अनुदान प्रदान किया जाता है। यह अनुदान दो प्रकार से दिया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि धार्मिक संस्थानों के नित्य प्रतिदिन पूजा आदि को विधिवत चलाने व रख-रखाव हेतू प्रति वर्ष एक निश्चित राशि न्यूनतम दस हजार रुपये व अधिकतम 25 हजार रुपये अनुदान के रूप में प्रदान की जाती है।
उन्होंने बताया कि खाली भूमि जिस पर इन संस्थानों को स्वामित्व प्राप्त है तथा जहां सराय, पार्किंग, दुकानें आदि बनाने या कोई ऐसा कार्य जो इन संस्थानों की निरन्तर आय का साधन हो, वहां धार्मिक संस्थानों को एक मुश्त अनुदान प्रदान किया जाता है। एकमुश्त में अधिकतम सहायतानुदान राशि 25 लाख रुपये तक है तथा ऐसे धार्मिक संस्थानों की वार्षिक अनुदान की पात्रता समाप्त हो जाएगी।
उन्होंने जिला कांगड़ा के मंदिर समितियों को इस योजना के तहत अनुदान प्राप्त करने हेतू प्रपत्र जिला भाषा अधिकारी कार्यालय कांगड़ा स्थित धर्मशाला से प्राप्त करने का आग्रह किया है।
अधिक जानकारी के लिए जिला भाषा अधिकारी कार्यालय कांगड़ा के दूरभाष नम्बर 01892-223240 पर संपर्क कर सकते हैं।
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