गुड़िया रेप व हत्या मामला

गुड़िया रेप व हत्या मामला

आरोपी अनिल उर्फ नीलू दोषी करार, 11 मई को सुनाई जाएगी सजा

शिमला, 28 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला देने वाले बहुचर्चित गुड़िया रेप व हत्या मामले में शिमला की सीबीआई अदालत ने आरोपी अनिल कुमार उर्फ नीलू को दोषी करार दे दिया है। शिमला स्थित सीबीआई कोर्ट ने आज सुनाए अपने फैसले में नीलू को दोषी करार दिया है और इस मामले पर 11 मई को सजा सुनाने की बात कही है। सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक अनिल कुमार ने 4 जुलाई, 2017 को गुड़िया से दुष्कर्म किया था और बाद में उसका गला घोंटकर उसे मौत के घाट उतार दिया था।

गुड़िया रेप व हत्या मामले में प्रदेश सरकार के आग्रह और हिमाचल हाईकोर्ट के आदेशों पर सीबीआई जांच हुई। जांच के दौरान सीबीआई ने 13 अप्रैल, 2018 को नीलू को गिरफ्तार किया और जांच के आधार पर नीलू के खिलाफ जुलाई, 2018 में अदालत में चालान पेश किया गया। इस मामले पर लगभग चार साल सुनवाई हुई। जांच के दौरान खुलासा हुआ कि अभियुक्त नीलू और गुड़िया के ऊपर थूकने के लेकर कहा सुनी हुई थी और दोनों के बीच हाथापाई हुई। स्थानीय पुलिस ने आरंभिक जांच में इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। इस गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने दावा किया था कि ये सभी लोग वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर गिरफ्तार किए गए हैं। हालांकि बाद में प्रदेश हाईकोर्ट ने ये मामला सीबीआई को सौंपा और सीबीआई ने इन पांचों आरोपियों को अपनी जांच में निर्दोष पाया तथा अदालत से इन्हें छोड़ने का आग्रह किया। इसी बीच स्थानीय पुलिस द्वारा पकड़े गए इन पांच आरोपियों में से एक आरोपी सूरज की 19 जुलाई की रात को कोटखाई पुलिस थाने में पुलिस हिरासत में हत्या हो गई। इस हत्या के बाद ही इस मामले में राजनीतिक तूल पकड़ा और राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी। पुलिस हिरासत में हुई सूरज की हत्या के मामले में प्रदेश पुलिस के आईजी स्तर के अधिकारी जहूर जैदी अभी भी जेल में हैं जबकि आठ अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चल रहा है।

गुड़िया मामले में हुई सीबीआई जांच में यह भी खुलासा हुआ कि आरंभ में जिन पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था उनकी गिरफ्तारी 2 लोगों के बयान के आधार पर हुई थी और बाद में ये दोनों लोग सीबीआई जांच के दौरान अपने बयान से मुकर गए थे। इस मामले में स्थानीय पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपियों का पॉलीग्राफ और नारको टेस्ट हुआ तथा ब्रेन इलेक्ट्रिकल ओसीलेशन सिग्नेचर प्रोफाइलिंग व कम्परिहेंसिव फारेंसिक साइकोलॉजिकल टेस्ट भी हुआ। लेकिन इन सब परीक्षणों में आरंभ में गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों पर कोई इल्जाम साबित नहीं हो पाया।

सीबीआई रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में आज दोषी करार दिया गया अनिल कुमार उर्फ नीलू आदतन अपराधी है। उसके खिलाफ वर्ष 2015 में सिरमौर के सराहां पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 307 और अन्य के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में नीलू को 14 जुलाई 2016 को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी तथा इसके बाद वह फरार था। बाद में इसी अभियुक्त नीलू ने 5 व 6 जुलाई, 2017 की रात को गुड़िया के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी।

हिमाचल में सरकार बदल दी थी गुड़िया मामले ने

हिमाचल प्रदेश में गुड़िया मामले ने राजनीतिक उथल-पुथल कर दी थी। ये मामला 2017 में घटित हुआ और इसी साल प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी थे। ऐसे में भाजपा ने गुड़िया मुद्दे को तत्कालीन वीरभद्र सिंह सरकार के खिलाफ राजनीतिक हथियार के रूप में प्रयुक्त किया और अन्तत: उसको इसका फायदा भी हुआ तथा वह प्रदेश में सरकार बनाने में सफल रही।