ई-पास रियलिटी चेक मामला

ई-पास रियलिटी चेक मामला

आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

शिमला, 7 मई। हिमाचल प्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण को थामने के लिए सरकार द्वारा लगाए गए कोरोना कर्फ्यू के बाद अब प्रदेश में केवल ई-पास से ही प्रवेश की अनुमति है। ऐसे में कोरोना कर्फ्यू शुरू होते ही ई-पास हासिल करने में गड़बड़ियों का सिलसिला भी शुरू हो गया है। आज एक निजी चैनल ने ई-पास रियलिटी चेक के नाम पर सभी के महानायक अमिताभ बच्चन और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का हिमाचल आने के लिए ईपास बनवा दिया। ई-पास के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप को शिमला जिला के सुन्नी का निवासी बताया गया है। ई-पास के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप मारूति कार से जबकि महानायक अमिताभ बच्चन बीट कार से शिमला आते दिखाए गए हैं।

इस मामले के सामने आते ही प्रदेश पुलिस और प्रदेश सरकार बैकफुट पर आ गई है। क्योंकि इस कमी ने पूरे सिस्टम पर ही सवालिया निशान लगा दिए हैं। शिमला पुलिस ने इस संबंध में आईपीसी और आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर आरोपियों से पूछताछ आरंभ कर दी है।

इस बीच इस सारे मामले पर प्रदेश की राजनीति में भूचाल भी मच गया है। विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने इस मामले को अपने सोशल मीडिया के अकाउंट पर शेयर करते हुए लिखा है कि इस कोताही से पता चलता है कि प्रदेश सरकार किस तरह से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इस सारे मामले ने सरकार की कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा कर दिया है।

शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार की अकर्मण्यता के कारण डोनाल्ड ट्रंप और अमिताभ बच्चन को हिमाचल आने के लिए ई-पास दिए जा रहे हैं। इसके बावजूद भाजपा भक्त सरकार की कमियों पर उंगली न उठाने की विपक्ष को नसीहत दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष हमेशा सही को सही और गलत को गलत कहने में विश्वास रखता है। सरकार अगर अच्छा कार्य करेगी तो उसका समर्थन किया जाएगा लेकिन ई-पास के मामले में हुई इस कोताही का विपक्ष समर्थन नहीं कर सकता।

भाजपा ने दी ई पास मामले में सफाई

शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज और सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रामलाल मारकण्डा ने कहा कि राज्य सरकार ने कुछ शर्तों के साथ देश के अन्य क्षेत्रों से राज्य में आने वाले लोगों को आवाजाही की अनुमति दी है। इसके लिए राज्य सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने एक साफ्टवेयर विकसित किया है ताकि राज्य में आने वाले लोगों को कोविड ई-पास प्रदान किया जा सके। मंत्रियों ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ शरारती तत्व अकारण ही कोविड ई-पास के लिए आवेदन करते समय फर्जी नाम और पते प्रस्तुत कर रहे हैं जो गैर कानूनी है। उन्होंने कहा कि इस सेवा का उद्देश्य राज्य में आने वाले लोगों को बिना किसी परेशानी से प्रवेश प्रदान करना है और साथ ही राज्य के लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करना है।