हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के लिए कल्याणकारी योजनाएं आरम्भ
सामाजिक-आर्थिक उत्थान में वरदान साबित हो रहे हैं राज्य सरकार के प्रयास
शिमला, 30 मई। हिमाचल प्रदेश सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने के लिए अनेक महत्वकांक्षी और कल्याणकारी योजनाएं आरम्भ की हैं। सरकार की इन योजनाओं से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों और रोजगार की अपार संभावनाएं बढ़ी हैं, जिससे राज्य के सभी वर्गों के लोग लाभान्वित हो रहे हैं और उनकी सामाजिक व आर्थिक स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
राज्य की भौगोलिक और प्रशासनिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने हाल ही में 412 नई पंचायतों का गठन किया है और अब प्रदेश में 3615 ग्राम पंचायतें हैं। सरकार राज्य के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर चिकित्सा, शिक्षा, बिजली और पानी की सुविधाएं सुनिश्चित करने तथा गरीबी उन्मूलन पर विशेष बल दे रही हैं, जिसमें पंचायती राज संस्थाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
सरकार प्रदेश की ग्रामीण आबादी की सूचना प्रौद्योगिकी संबंधित आवश्यकताओं को पूरा करने पर भी विशेष बल दे रही है, जिसके अंतर्गत 3,226 पंचायतों को डिजिटल अंब्रेला के तहत कवर किया गया है और ग्रामीणों को इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इंटरनेट सेवा ग्रामीण क्षेत्रों के अंतिम पायदान तक बड़े पैमाने पर सूचना का प्रसार और पहुंच सुनिश्चित करने में एक वरदान साबित हुई है।
राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में भी कारगर प्रयास किए है। महिलाओं के लिए पंचायती राज संस्थाओं में 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है ताकि महिलाओं के सशक्तिकरण के साथ-साथ ग्रामीण स्तर पर किए जा रहे विकास कार्यों में उनकी भागीदारी बढ़ाई जा सके। राज्य में हाल ही में संपन्न पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में 124 जिला परिषद सदस्य, 873 पंचायत समिति सदस्य, 12422 पंचायत सदस्य और 1828 महिला प्रमुख सहित विभिन्न पदों पर 15,249 महिलाएँ चुनी गई हैं।
प्रदेश सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न विकासात्मक योजनाओं और कार्यक्रमों से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों का चहुंमुखी विकास सुनिश्चित हुआ है, बल्कि इन क्षेत्रों के लोग विकास की मुख्यधारा से भी जुड़े हैं।