अवैधकब्जाधारी नहीं लड़ पाएंगे पंचायतीराज संस्थाओं और नगर निकायों के चुनाव
पंचायतीराज संस्थाओं और नगर निकायों के चुनाव में कोई भी अवैधकब्जाधारी चुनाव नहीं लड़ पाएगा। चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करते समय सभी प्रत्याशियों को लिखकर देना होगा कि उसने या उसके परिवार ने किसी प्रकार का कोई अवैध कब्जा नहीं किया है और उनके खिलाफ किसी प्रकार का कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। यदि ऐसे किसी व्यक्ति ने चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरता है तो उसके खिलाफ कोई भी व्यक्ति शिकायत भी कर सकता है और छंटनी के वक्त उसकी सारी जांच होगी।
उधर, पंचायतीराज विभाग ने भी सभी लोगों से अपील की है कि वे भी ऐसे लोगों पर नजर रखें और यदि कोई ऐसा व्यक्ति चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरता है तो उन्हें बेनकाब करें। क्योंकि ऐसा करने से अवैधकब्जाधारी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे और फिर चुनाव भी रद्द होने से बचेगा। वहीं, बाद में कोई ऐसा पाया जाता है तो उसे जीतने के बाद भी सीट छोड़नी पड़ेगी। बता दें कि इन दिनों राज्य में पंचायतीराज और नगर निकायों के चुनावों के लिए सरगर्मियां तेज हो गई हैं। गांवों में इस बात की भी आहट है कि कई अवैधकब्जाधारी भी पंचायत चुनाव में ताल ठोंकने की तैयारी कर रहे हैं।
बताया जाता है कि कई अवैधकब्जाधारियों ने तो अपने मामलों को नियमित करने के लिए वन विभाग के पास आवेदन कर रखे हैं, लेकिन वे नियमित नहीं हुए हैं। इनके अलावा कई ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने वन व सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है, लेकिन नियमितिकरण के लिए आवेदन नहीं किया है। यानी ये लोग खुद को अभी तक छुपा कर रखे हुए हैं और अब चुनाव में कूदने की फिराक में हैं, लेकिन ऐसे लोग भी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। अवैधकब्जाधारी केवल वही नहीं है जिसने खुद नियमितिकरण के लिए आवेदन किया है, बल्कि हर वह शख्स है, जिसने वन व सरकारी भूमि पर कब्जा किया है। ऐसे में वे सभी लोग चुनाव नहीं लड़ पाएंगे, जो अवैधकब्जाधारी हैं या फिर उनके परिजन इसमें शामिल हैं। यही नहीं, चुनाव में वे लोग भी नहीं कूद पाएंगे, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। चुनाव में उतरने वाले सभी उम्मीदवारों को लिखित में देना होगा कि वे व उनका परिवार अवैधकब्जाधारी नहीं है और उनके खिलाफ किसी प्रकार का कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है।
उधर, पंचायतीराज विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे लोगों पर नजर रखें जो अवैध कब्जाधारी हैं और चुनाव में उतर रहे हैं। विभाग के मुताबिक ऐसे लोगों की शिकायत करें और तथ्यों व साक्ष्यों को सामने रखें। वहीं, ऐसे लोगों को समर्थन न दें जो खुद अवैध कब्जाधारी हैं। ऐसे तत्वों को बेनकाब करना जरूरी है। ऐसा करने से चुनाव भी रद्द होने से बचेंगे। विभाग ने लोगों से साफ-सुथरी छवि के लोगों को आगे लाने की अपील की, ताकि ग्रामीण स्तर विकास की गतिविधियां तेजी से चल सकें।