हिमाचल सरकार का बड़ा फैसला

हिमाचल सरकार का बड़ा फैसला

अर्ध सरकारी के साथ-साथ निजी दफ्तरों के कर्मचारियों को भी लगेगी कोरोना वैक्सीन

शिमला। कोरोना वैक्सीन लगवाने के मामले में लोगों की अपेक्षित रूचि सामाने नहीं आने के चलते अब जहां सरकारी कर्मचारियों को ये वैक्सीन जरूरी बनाई जा रही है वहीं हिमाचल में निजी क्षेत्र के कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए भी ये वैक्सीन लगवानी जरूरी होगी। हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस संबंध में नीतिगत फैसला लिया है। जानकारी के मुताबिक हिमाचल में अब 100 से अधिक कर्मचारियों वाले सरकारी कार्यालयों के साथ-साथ इसी तरह के 100 से अधिक कर्मचारियों वाले निजी कार्यालयों में भी 45 साल से ऊपर के कर्मचारियों को ये वैक्सीन लगवाना जरूरी होगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमें संबंधित कार्यालयों में जाएंगी और 45 साल से ऊपर के सभी कर्मचारियों को कोरोना वैक्सीन की डोज लगाएगी।

जानकारी के मुताबिक प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी उपायुक्तों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और बीएमओ को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य भी तय कर दिया है। प्रदेश सरकार को केंद्र से कोरोना वैक्सीन के पांच लाख डोज मिली है लेकिन अभी तक प्रदेशवासी यहां तक कि सरकारी कर्मचारी भी इसमें कोई खासी रूचि नहीं दिखा रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक सरकारी और निजी क्षेत्र के कार्यालयों में 45 साल से ऊपर के लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 4500 स्वास्थ्य कर्मचारियों और अधिकारियों को फील्ड में उतारने की तैयारी कर ली है। अभी तक इस कार्य के लिए 2500 कर्मचारी पहले से ही फील्ड में काम कर रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने बीते रोज राज्य में कोरोना की स्थिति और वैक्सीनेशन को लेकर मंत्रिमण्डल को एक प्रस्तुति भी दी। इस प्रस्तुति में प्रदेश में कोरोना की स्थिति को अत्यधिक गंभीर बताया गया है और इसके लिए तुरंत कड़े उपाय करने का सुझाव दिया गया है। इसी के बाद अब प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण के मामले में और गंभीर हो गई है तथा सभी उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को मास्क पहनने के मामले में अधिकाधिक सख्ती बरतने को कहा गया है। जानकारी के मुताबिक प्रदेश सरकार ने राज्य में कोरोना पर नियंत्रण पाने के लिए हर रोज 50 हजार कोरोना वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा कोरोना टेस्टिंग भी बढ़ाने का निर्णय लिया है। अभी तक प्रदेश में हर रोज लगभग 8000 लोगों की कोरोना टेस्टिंग हो रही है लेकिन बढ़े मामलों के दृष्टिगत ये टेस्टिंग नाकाफी साबित हो रही है। प्रदेश सरकार ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए बंद कर दिए गए सभी मेक शिफ्ट अस्पताल फिर से शुरू कर दिए हैं। हालांकि अभी शिमला स्थित आईजीएमसी को छोड़कर अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में मरीजों की संख्या नियंत्रित है। आईजीएमसी शिमला में इस समय 100 से अधिक कोरोना मरीज उपचाराधीन है।