पुस्तक खरीद मामला
अखिल भारतीय हिन्दी प्रकाशक संघ ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
शिमला, 22 मई। अखिल भारतीय हिन्दी प्रकाशक संघ ने हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग में राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा द्वारा सत्र 2020-21 के तहत पुस्तकों की खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। संघ ने इस संबंध में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र लिखकर शिकायत की है और राज्य में होने वाले हर तरह की पुस्तक खरीद में बड़े भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इसकी पारदर्शी जांच की मांग की है। संघ की हिमाचल प्रदेश, हरियाणा व दिल्ली इकाई के उपाध्यक्ष आरके यादव और प्रभारी शुभा शर्मा की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि समग्र शिक्षा के तहत सत्र 2020-21 के लिए पुस्तकें खरीदने में केवल चार से पांच प्रकाशन समूहों को ही प्राथमिकता दी गई।
पत्र में कहा गया है कि इस खरीद के लिए देशभर के 900 से अधिक प्रकाशकों ने पेशकश की थी लेकिन समग्र शिक्षा विभाग ने 30 मार्च से 10 अप्रैल के बीच गुपचुप तरीके से और कोरोना काल का फायदा उठाते हुए केवल 49 प्रकाशकों को ही ये काम सौंप दिया। ये 49 प्रकाशक केवल चार से पांच प्रकाशन समूहों का ही प्रतिनिधित्व करते हैं।
पत्र में ये भी आरोप लगाया गया है कि जिन प्रकाशकों से पुस्तक खरीद का निर्णय लिया गया है ये वही प्रकाशक हैं जिनसे समग्र शिक्षा के तहत राज्य में दो वर्षों से राजाराम मोहन राय पुस्तकालय प्रतिष्ठान योजना के तहत पुस्तकें खरीदी जा रही हैं। इससे साफ है कि राज्य में पुस्तक माफिया का वर्चस्व है और राज्य में होने वाली हर तरह की पुस्तकों की खरीद में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है इसलिए सारे मामले की उच्च स्तर पर और पारदर्शी जांच होनी चाहिए ताकि भविष्य में भ्रष्टाचार मुक्त तरीके से पुस्तकों का चयन हो सके और हिन्दी के ज्यादातर श्रेष्ठ प्रकाशनों के साथ हो रहे अन्याय को खत्म किया जा सके।
हिन्दी प्रकाशक संघ ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर, शिक्षा सचिव और राज्य परियोजना निदेशक को भी इस मामले की शिकायत की है।