हिमाचल के युवाओं से सुक्खू ने किया विश्वासघात
शिमला, 08 जून।
हिमाचल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश के बेरोजगार युवक व युवतियों के साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश के युवाओं और बेरोजगारों के प्रति अपमानजनक व्यवहार किया है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा यह कहा जाना कि उन्होंने न सरकारी नौकरी देने का वायदा किया, न ही गारंटी दी, सरासर गलत है।
बिंदल ने रविवार को शिमला में कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा चुनाव में युवाओं के वोट हासिल करने के लिए गारंटी दी थी कि कांग्रेस सरकार सत्ता में आते ही विभिन्न सरकारी विभागों में खाली पड़े 67000 पदों को भरेगी और 30,000 नए पद सृजित किए जाएंगे। इस तरह मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में एक लाख युवाओं को सरकारी क्षेत्र में रोजगार दिया जाएगा। लेकिन अब मुख्यमंत्री न केवल रोजगार देने से मुकर गए हैं बल्कि यह भी कह रहे हैं कि कांग्रेस ने कभी भी रोजगार की ऐसी गारंटी दी ही नहीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का यह कहना प्रदेश के युवाओं के साथ विश्वासघात है।
बिंदल ने कहा कि न केवल सुखविंदर सिंह सुक्खू बल्कि कांग्रेस के सभी छोटे-बड़े नेताओं ने विधानसभा चुनाव में पहली ही कैबिनेट में एक लाख सरकारी नौकरियों और 5 सालों में 5 लाख सरकारी नौकरियां देने का वादा किया था। इस बात के प्रमाण आज प्रदेश के हर युवा और हर व्यक्ति के मोबाइल पर उपलब्ध हैं। कांग्रेस नेता प्रियंका गान्धी ने तो बहुत चिल्ला-चिल्ला कर भाषण दिए थे कि एक लाख सरकारी नौकरी पहली कैबिनेट में व कुल मिलाकर 5 लाख रोजगार दिए जाऐंगे। उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री तो छाती ठोक ठोक कर गली-गली, कूचा-कूचा घूमकर बोलते रहे 58 साल की नौकरी देंगे, पक्की नौकरी देंगे, पैन्शन वाली नौकरी देंगे, 2000 रू, 5000 रू की नौकरी बन्द करेंगे। 5 लाख नौकरी देगें, ये मुकेश अग्निहोत्री की गारंटी है। अल्का लाम्बा ने तो आसमान ही सर पर उठा लिया था।
राजीव बिन्दल ने कहा कि बेरोजगारों की छाती पर पांव रखकर और सत्ता की सीढ़ी बना कर उन बेरोजगार युवकों और युवतियों को दुत्कारना अन्याय, शोषण और अत्याचार ही नहीं अपितु अक्ष्मय अपराध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं से विश्वास घात करने वाले ऐसे मुख्यमंत्री को अब सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं रह गया है और उन्हें तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।