ऽ आपदा को लूट के अवसर में बदलना जनता के साथ घोखा
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) के अखिल भारतीय आहवान पर माकपा की लोकल कमेटी कसुम्पटी ने पार्टी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करके सरकार के भ्रष्ट तंत्र की आलोचना की तथा इस महामारी के संकट में भी स्वास्थ्य उपकरणों में किए जा रहे घोटालों की न्यायिक जांच की मांग की। पार्टी कमेटी सचिव सत्यवान पुण्डीर ने कहा कि एक ओर तो इस महामारी से पूरी अर्थव्यवस्था के समक्ष संकट पैदा हो गया है लेकिन दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग के अंदर महत्वपूर्ण ओहदे पर बैठे उच्चाधिकारी द्वारा इस अवसर का फायदा उठाकर लूट मचा रखी है। और यह सब बिना राजनीतिक संरक्षण के नहीं हो सकता। शिक्षा मंत्री के ब्यान को हास्यास्पद बताते हुए सचिव ने कहा कि यदि स्वास्थ्य में कोई घोटाला हुआ ही नहीं है तो क्या भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने पार्टी से मतभेदों के चलते इस्तिफा दिया? ऐसी नौबत क्यों आई, इसका माकपा ने जवाब मांगा है। तथा साथ ही सरकार से मांग की है कि इस पूरे प्रकरण में पारदर्शिता बरतते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए। अन्यथा ऐसी आपदा के समय इस प्रकार की लूट मचाने का जनता में बहुत ही गलत संदेश जाएगा तथा जिसका समय आने पर जनता उपयुक्त जवाब देगी।
मौजूदा महामारी के महासंकट के दौर में देश की जनता के विशाल हिस्से से आजीविका के सारे साधन छिन गए हैं और लाॅकडाउन की वजह से देश में कम से कम 15 करोड़ अतिरिक्त लोग बेरोजगार हो गए हैं। यह संख्या देश के अन्दर पहले से बेरोजगारों की विशाल संख्या में जुड़ गई है।
भूखे प्रवासी मजदूरों के घरों की ओर सड़कों पर मार्च करने के मर्मभेदी तजुर्बों ने दिखा दिया है कि आज हमारी जनता का खासा बड़ा हिस्सा कितनी गहराई तक भूख झेल रहा है। इन कठिन परिस्थितियों में भी भारत सरकार न तो देश की जनता को उचित राहत दे पा रही है और ऐसे निर्णय लिए जा रहे हैं जो न तो दीर्घकाल में देश हित में हैं और न ही देश की आम जनता के पक्ष में है।
इन स्थितियों के मद्देनजर माकपा की राज्य, जिला एवं लोकल कमेटी के स्तर पर विरोध प्रदर्शन करके सरकार से मांग की:-
1. आयकर की सीमा से नीचे के सभी परिवारों को छः महीने की अवधि तक 7,500 रुपये प्रति महीना की नकदी दी जाए।
2. छः महीने तक प्रतिव्यक्ति, प्रतिमाह, 10 किलो खाद्यान्न मुफ्त दिया जाए।
3. बढ़ी हुई मजदूरी के साथ, मनरेगा के अंर्तगत कम से कम 200 दिन का रोजगार दिया जाए। शहरी गरीबों के लिए रोजगार गारंटी योजना लागू की जाए। बेरोजगारों के लिए बेरोजगारी भत्ते का फौरन एलान किया जाए।
4. राष्ट्रीय परिसम्पत्तियों की लूट तथा सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण को और श्रम कानूनों के रद्द किए जाने को रोका जाए।
5. किसानों को दिए गए 3 लाख रुपये तक के के.सी.सी. ऋणों को माफ किया जाए।
इस अवसर पर पार्टी कमेटी के सचिव सत्यवान पुण्डीर, जिला कमेटी सदस्य डाॅ रीना सिंह तंवर, जयशिव सिंह ठाकुर, कपिल शर्मा, जोगिन्द्र शर्मा, अंकित, सीमा चैहान, सुरेश, जीयानंद शर्मा, संजय शर्मा, भुवन ठाकुर आदि उपस्थित रहे।
सचिव, लोकल कमेटी, कसुम्पटी