: मुख्यमंत्री
शिमला, 4 जनवरी। विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं की प्रगति को हिम प्रगति पोर्टल पर शीघ्र अपलोड किया जाना चाहिए, ताकि इन परियोजनाओं की नियमित रूप से उच्च स्तरीय निगरानी की जा सके और इनके क्रियान्वयन में अनावश्यक देरी से बचा जा सके। यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज शिमला में प्रदेश में क्रियान्वित की जा रही प्रमुख परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य की सभी प्रमुख परियोजनाएं समयबद्ध पूर्ण हों। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण लगभग एक वर्ष खराब हो गया है, इसलिए कार्य और दृढ़ता से किये जाने चाहिए, ताकि इन्हें निर्धारित समय पर पूर्ण किया जा सके। उन्होंने कहा कि पूर्ण हो रही परियोजनाओं पर विशेष बल दिया जाना चाहिए, ताकि उन्हें शीघ्र पूरा किया जा सके। इससे न केवल परियोजनाओं की लागत में वृद्धि पर रोक लगेगी, बल्कि प्रदेश के लोग भी इससे लाभान्वित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन निवेशकों ने प्रदेश में विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए हैं, उनके साथ अलग से बैठक आयोजित की जानी चाहिए, ताकि उनकी समस्याओं को शीघ्र सुलझाया जा सके। उन्होंने कहा कि इससे निवेशकों को उनकी समस्याएं सरकार के समक्ष रखने का अवसर प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि इससे उनकी समस्याओं के त्वरित समाधान में सहायता मिलेगी और चल रही परियोजनाओं को विशेष बल मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी उपायुक्तों को अपने जिले में चल रही परियोजनाओं की निगरानी के लिए एक तंत्र विकसित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आमतौर पर कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का कार्य छोटे-छोटे कारणों से अधूरा रहता है, जिन्हें उनमें हस्तक्षेप से सुलझाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं में देरी को गम्भीरता से लिया जाएगा और जिम्मेवार व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में कार्यान्वित की जा रही परियोजनाओं के कार्य में हो रही अनावश्यक देरी को गंभीरता से लिया जाएगा और इसके लिए जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि जवाबदेही अन्य अधिकारियों पर स्थानांतरित न की जाए। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी ने प्रदेश के विकास को बुरी तरह से प्रभावित किया है और अब स्थिति नियंत्रण में लग रही है और समय के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि 7 व 8 नवम्बर, 2019 को आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्ज मीट ने 96 हजार करोड़ रुपये निवेश के समझौता ज्ञापनों को आकर्षित किया था। उन्होंने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्ज मीट के दो माह के भीतर 13 हजार 500 करोड़ रुपये की हस्ताक्षरित परियोजनाओं की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी आयोजित की गई और 10 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं ग्राउंड ब्रेकिंग के लिए तैयार है। उन्होंने अधिकारियों को विभिन्न क्षेत्रों में हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों के फाॅलो-अप के निर्देश दिए, ताकि इन्हें अमल में लाया जा सके।