योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं और बच्चों का समुचित विकास किया जा रहा सुनिश्चित

बिलासपुर 9 जून:- महिलाओं तथा बच्चों के समग्र विकास को बढ़ावा देने के
लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिला बिलासपुर में विभिन्न योजनाओं
एवं कार्यक्रमों को क्रियान्वित किया जा रहा है जिनके माध्यम से महिलाओं
और बच्चों का समुचित विकास सुनिश्चित किया जा रहा है। जिला में केन्द्रीय
प्रायोजित योजना समेकित बाल विकास योजना के अन्तर्गत गर्भवती, दूध पिलाने
वाली माताएं तथा 6 माह से लेकर 6 साल तक के बच्चो को इस योजना के
अन्तर्गत लाभान्वित किया जाता हैं। महिलाओं तथा बच्चों में कुपोषण दूर
करने के लिए आंगनबाडी केन्द्रों के माध्यम से पोषाहार प्रदान किया जाता
है। बच्चों के सर्वागीण विकास के लिए पूर्वशाला शिक्षा, स्वास्थ्य जांच,
तथा आंगनबाडी केन्द्रों के माध्यम से टीकाकरण करवाया जाता है। कार्यक्रम
के अन्तर्गत प्रदेश में आंगनबाडी केन्द्रों के माध्यम से पोषण एवं
स्वास्थ्य शिक्षा,  टीकाकरण, अनुपूरक पोषाहार, शालापूर्वक शिक्षा तथा
सन्दर्भ सेवाएं बच्चों गर्भवती/धात्री माताओं को प्रदान की जा रही है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी अंजू बाला ने बताया कि विशेष पोषाहार कार्यक्रम
के तहत जिला में संचालित  तीन  बाल  विकास  परियोजना  के अन्तर्गत 1111
आंगनवाडी केेन्द्रों के माध्यम से 6 माह माह से 6 वर्ष तक की आयु के
20238 बच्चों तथा 5894 गर्भवती व धात्री महिलाओं को लाभान्वित किया जा
रहा है।
शाला पूर्व शिक्षा के अंतर्गत 1111 आंगनवाडी केन्द्रों के माध्यम से 4658
बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ बंदना योजना के तहत जच्चा-बच्चा
स्वास्थ्य संबंधी विशिष्ट शर्तो की पूर्ति पर परिवार में पहले जीवित
बच्चे के लिए गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं  के खाते
में सीधे 5 हजार रुपये की नकद राशि प्रोत्साहन स्वरूप  प्रदान  की जाती
है। यह योजना 1 जनवरी, 2017 से लागू की गई है। इस योजना के  अन्तर्गत
जिला बिलासपुर में अप्रैल, 2019 से मार्च, 2020 तक 8562 महिलाओं को
लाभान्वित कर 1 करोड़ 44 लाख 98 हजार रुपये की धनराशि व्यय की गई।
उन्होंने बताया कि राज्य प्रायोजित योजना मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के
अन्तर्गत ऐसी बेसहारा लडकियां जिनके पिता शारीरिक/मानसिक असमर्थता के
कारण बिस्तर पर हो या परित्यक्त/तलाकशुदा महिलाओं की पुत्रियों को जिनके
माता-पिता की वार्षिक आय 35 हजार रूपये से अधिक न हो को प्रथम जुलाई,
2019 से पूर्व 40 हजार रुपये अनुदान राशि तथा 2 जुलाई, 2019 के पश्चात्
51 हजार रूपये की धनराशि लडकी की शादी के लिए अनुदान के रूप में दी जाती
है। जिला बिलासपुर में वर्ष 2019-20 के दौरान 78 लाभार्थियों को
लाभान्वित कर 37 लाख 40 हजार रुपये की धनराशि व्यय की गई।
मदर टैरेसा असहाय मातृ सम्बल योजना का मुख्य उदेश्य गरीबी रेखा से नीचे
रहने वाली निःसहाय महिलाओं को अपने बच्चों के पालन पोषण/पढ़ाई-लिखाई हेतु
आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाना है। इस योजना के अन्तर्गत गरीबी रेखा से
नीचे रह रही निःसहाय महिलाएं या ऐसी निःसहाय/बेसहारा महिला जिनकी वार्षिक
आय 35 हजार रूपये से कम है या ऐसी महिला जिसका पति पिछले दो वर्षो से
लापता हों और सम्बन्धित पुलिस थाना में उसके न मिलने की रिर्पोट हो तथा
जिनके बच्चे 18 वर्ष की आयु से कम हो, के पालन पोषण हेतु 6 हजार रुपये
प्रति वर्ष प्रति बच्चा सहायता राशि प्रदान की जाती है। यह सहायता केवल
दो बच्चों तक जाती है। जिला बिलासपुर में वर्ष 2019-20 के दौरान 641
माताओं के 992 बच्चों को 48 लाख 83 हजार 718 रुपये की धनराशि सहायता
स्वरूप देकर लाभान्वित किया गया।
विधवा पुनर्विवाह योजना वर्ष 2004-05 से शुरू की गई है। इसका उदेश्य
विधवाओं का पुनर्विवाह कर उनका पुनर्वास करना है। इस योजना के तहत 50
हजार रुपये ;21.05.2013 सेद्ध प्रति विधवा की शादी के लिए अनुदान के रूप
में दिये जाते है। जिला में इस योजना के तहत गत वर्ष 4 लाख रुपये व्यय कर
8 लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया।
बेटी है अनमोल योजना के तहत बी. पी. एल. परिवार में पैदा होने वाली दो
बेटियों के जन्म के उपरान्त 12 हजार रुपये की राशि बेटी के जन्म होने पर
18 वर्ष की आयु तक सावधि जमा के तौर पर बेटी के नाम डाक घर  में जमा
करवाए जाते है, तथा पात्र बेटी की शिक्षा के दौरान पहली कक्षा से 12 वीं
कक्षा तक 450 से 2250 रूपये तथा स्नातक 5 हजार रूपये तक छात्रवृति प्रदान
की जाती है। इस योजना के अंतर्गत गत वर्ष जिला में फस्र्ट कंपोनेंट बेटी
के जन्म पर 331 बेटियों और सैकिंड कंपोनेंट शिक्षा के लिए 2329 बेटियों
को लाभान्वित किया गया जिन पर 96 लाख 46 हजार 470 रुपये की धनराशि व्यय
की गई।
स्वंय रोजगार हेतु सहायता योजना के तहत ऐसी महिलाओं को जिनकी वार्षिक आय
35 हजार रुपये से अधिक न हों तथा वह आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए अपना
कोई छोटा कार्य करना चाहती हो तो उन्हें स्वंय रोजगार के अन्तर्गत 5 हजार
रुपये तक का अनुदान दिया जाता है। इस योजना के अंतर्गत गत वर्ष 2 महिलाओं
को लाभान्वित किया गया है।
बाल-बालिका सुरक्षा योजना के तहत जिला बिलासपुर में बाल संरक्षण ईकाई का
गठन सितम्बर 2016 में हुआ है इस योजना के अन्तर्गत ऐसे  बच्चे जिन्हें
देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता हैं उन्हें बाल बालिका सुरक्षा योजना के
अन्तर्गत पात्र  पारिवारिक वातावरण में पालने हेतु रखा जाता है ताकि
उन्हें बाल-बालिका आश्रमों में प्रवेश हेतू बाध्य न होना पडे। इसके लिए
विभाग द्वारा पात्र परिवारों को प्रति बच्चा 2 हजार 300 रूपये प्रतिमाह
प्रदान किए जाते हैं। गत वर्ष इस योजना के तहत जिला बिलासपुर में 76
लाभार्थियों पर 20 लाख 11 हजार 993 रुपये की राशि व्यय कर लाभान्वित किया
गया।
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