कांग्रेस के निलंबित विधायकों का विधानसभा परिसर में दूसरे दिन भी धरना जारी

राज्यपाल से बदसलूकी प्रकरण

कांग्रेस के निलंबित विधायकों का विधानसभा परिसर में दूसरे दिन भी धरना जारी

शिमला, 2 मार्च। हिमाचल प्रदेश विधानसभा परिसर में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के साथ बजट सत्र के पहले दिन विपक्षी दल कांग्रेस के विधायकों द्वारा की गई बदसलूकी के मामले पर सत्तापक्ष व विपक्ष के बीच गतिरोध जारी है। पूरे बजट सत्र के लिए निलंबित किए गए कांग्रेस के पांच विधायकों का विधानसभा परिसर में गेट के बाहर धरना आज दूसरे दिन भी जारी रहा। इस दौरान कांग्रेस के सभी विधायकों ने सत्र आरंभ होने से पहले विरोध प्रदर्शन भी किया।

नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने इस मौके पर पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत करते हुए राज्यपाल प्रकरण के लिए सरकार को जिम्मेवार ठहराया। अग्निहोत्री ने कहा कि सदन का संचालन करना सरकार की जिम्मेवारी है लेकिन सरकार की मंशा सदन चलाने की है ही नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के पास जनता के ज्वलंत मुद्दों पर कोई जवाब नहीं है। ऐसे में सरकार राज्यपाल प्रकरण की आड़ में जवाबदेही से बचना चाह रही है।

अग्निहोत्री ने कहा कि कांग्रेस के किसी भी विधायक ने राज्यपाल को हाथ तक नहीं लगाया। इसके विपरीत जहां विपक्ष प्रदर्शन कर रहा था वहां आकर सत्तादल भाजपा के नेताओं ने धक्का-मुक्की की। ऐसे में मुख्यमंत्री को विपक्ष से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने इस मुद्दे पर एफआईआर दर्ज होने और राजद्रोह की धाराएं लगाने पर कहा कि सरकार की कार्रवाई से स्पष्ट हो गया है कि जो उससे सहमत नहीं है वह देशद्रोही है। अग्निहोत्री ने कहा कि लोकतंत्र में विरोध करना विपक्ष का अधिकार है और आंदोलन करने, बात रखने अथवा असहमति जताने पर कोई बंदिश नहीं होनी चाहिए।

अग्निहोत्री ने ये भी आरोप लगाया कि सरकार पुलिस के दम पर तानाशाही करना चाहती है। उन्होंने सरकार को चुनौती दी कि वह विधानसभा परिसर में जितनी चाहे पुलिस लगा ले लेकिन विपक्ष की आवाज को नहीं दबाया जा सकता। उन्होंने कहा कि विपक्ष अपनी लड़ाई जारी रखेगा और सरकार के हथकंडों को जनता के बीच ले जाकर उसका पर्दा फाश करेगा। उन्होंने विधानसभा परिसर में पुलिस के एक्शन पर भी सवाल उठाए और कहा कि ये विधायकों का अपमान है।