सुक्खू करेंगे एचआरटीसी में अधिकारियों की फौज का युक्तिकरण
महज महिलाओं को किराया छूट नहीं एचआरटीसी के घाटे की वजह: सुक्खू
शिमला, 15 अक्तूबर।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमाचल पथ परिवहन निगम एचआरटीसी में अधिकारियों की भारी भरकम फौज है। उन्होंने इसके युक्तिकरण की दरकार जताई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि निगम को सरकार सालाना 720 करोड़ रुपये की ग्रांट देती है, बावजूद इसके घाटा क्यों हो रहा है? इसकी वजह को तलाशा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को शिमला में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि एचआरटीसी की मासिक कमाई महज 60 करोड़ रुपये है, जबकि निगम के पास करीब 3 हजार बसों का बेड़ा है। इतने संसाधनों के बावजूद घाटा होना चिंताजनक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि केवल महिलाओं को किराए में दी जा रही 50 प्रतिशत छूट घाटे का कारण नहीं हो सकती।
सुक्खू ने कहा कि निगम की कुल सालाना आय और ग्रांट मिलाकर 1440 करोड़ रुपये बैठती है, जो बसों के संचालन के लिए पर्याप्त है। उन्होंने यह भी कहा कि निगम को घाटे से उबारने के लिए उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के साथ मिलकर ठोस योजना बनाई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्राकृतिक आपदा के कारण निगम के कई रूट दो महीने तक बंद रहने से नुकसान हुआ। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस घाटे की भरपाई राज्य सरकार करेगी और अधिकारियों को इसके निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
पेंशन और वेतन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि कर्मचारियों को पहली तारीख को वेतन और पेंशनरों को 15 तारीख तक पेंशन मिले। उन्होंने पेंशनरों से संयम रखने की अपील की और कहा कि सरकार आंदोलन की नौबत नहीं आने देना चाहती।
सुक्खू ने भाजपा के इस दावे को भी खारिज किया कि लंदन दौरे के दौरान उन्होंने ब्रिटिश संसद को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में संसद के प्रतिनिधि जरूर मौजूद थे लेकिन यह संसद का आधिकारिक मंच नहीं था।
मंदिरों के पैसों के सरकारी योजनाओं में इस्तेमाल पर उन्होंने कहा कि मंदिर समितियां स्वयं अपने धन के उपयोग का निर्णय लेती हैं। सरकार इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं करती।