निजी स्कूलों की मनमानी पर माकपा नाराज
मनमानी फीस वसूलने के लिए सरकार तुरंत लाए अध्यादेश
शिमला, 30 मार्च। वामपंथी संगठन माकपा की हिमाचल प्रदेश इकाई ने राज्य में निजी स्कूलों द्वारा फीस वसूली के नाम पर की जा रही मनमानी पर कड़ा एतराज जताया है। पार्टी के राज्य सचिवालय मंडल सदस्य व शिमला जिला इकाई के सचिव संजय चौहान ने आज शिमला में प्रदेश सरकार से निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए तुरंत अध्यादेश लाने और इसमें मनमानी फीस वसूलने पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने ये भी कहा कि निजी स्कूलों व अन्य संस्थानों के लिए नए नियम बनाए जाएं ताकि उसे व्यवस्थित ढंग से रेगुलेट किया जा सके।
संजय चौहान ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार राज्य में निजी स्कूलों की मनमानी रोकने में पूर्ण रूप से विफल रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के छात्र व उनके अभिभावक लम्बे समय से निजी स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि पर रोक लगाने और इन्हें रेगुलेट करने के लिए कानून बनाने के मुद्दे पर आंदोलन कर रहे हैं परंतु सरकार एक ओर छात्रों व अभिभावकों को केवल कोरे आश्वासन दे रही है वहीं दूसरी ओर निजी स्कूलों को मनमानी फीस वसूलने और अन्य प्रकार की मनमानी की छूट दे रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार लॉकडाउन अवधि में निजी स्कूलों द्वारा फीस न वसूलने की बात कही थी लेकिन अब यही सरकार छात्रों अभिभावकों व स्कूल प्रबंधन को मिलकर इस मुद्दे का हल तलाशने की नसीहत दे रही है। उन्होंने इसे सरकार के दोहरे मापदंड करार दिया और कहा कि सरकार को इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी।
माकपा नेता ने आरोप लगाया कि सरकार छात्रों व अभिभावकों के हितों से खिलवाड़ कर रही है। सरकार के ढुलमुल रवैये के कारण ही आज अधिकांश निजी स्कूल छात्रों और अभिभावकों से मनमानी फीस और अन्य फीस वसूलने के लिए दबाव बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि फीस व अन्य मुद्दे पर ये स्कूल छात्रों व अभिभावकों को प्रताड़ित भी कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकांश स्कूलों ने अगले शैक्षणिक सत्र के लिए फीस में 12 से 20 फीसदी तक की वृद्धि कर दी है। उन्होंने कहा कि जनता कोरोना के कारण पहले ही आर्थिक संकट से जूझ रही है। ऐसे में निजी स्कूलों की मनमानी से छात्रों और अभिभावकों की परेशानी और बढ़ गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने जनता को कोरोना काल में किसी प्रकार की राहत नहीं दी है।