शिमला. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सियासी रुप से मजबूत होकर उभरे हैं। मंत्रीमंडल के मंत्रियों के विभागों में अपनी पसंद का फेरबदल कर मुख्यमंत्री ने अपनी ताकत दिखाई है। इस फेरबदल में किसी मंत्री को मजबूती मिली है तो किसी के पर काटे गए हैं। मंत्रियों के विभागों में फेरबदल का क्या पैमाना रहा है यह तो मुख्यमंत्री ही जाने, लेकिन इस फेरबदल में यह जरुर दिखाई दे रहा है जो बिना तामझाम के काम में जुटे रहे उन्हें बड़े विभाग देकर उनका रुतबा बढ़ाया गया है। जिनमें प्रमुख रुप से वीरेंद्र कंवर को कृषि विभाग और राजीव सहजल को स्वास्थ्य विभाग देकर प्रमोशन किया गया है। मुख्यमंत्री ने जिस तरह से मंत्रियों के विभागों में फेरबदल करने का साहस दिखाया है, वह काबिले तारीफ है। इससे मुख्यमंत्री के नेतृत्व क्षमता को मजबूती मिली है जो कांगड़ा दौरे में साफ दिखाई दी। जिसमें सभी मंत्री और संगठन के पदाधिकारी मुख्यमंत्री के आगे-पीछे हाजिरी लगाते नजर आए। मंत्रीमंडल में तीन नए मंत्रियों की ताजपोशी और संगठन में प्रदेशाध्यक्ष पद पर सुरेश कश्यप की ताजपोशी से मुख्यमंत्री को और मजबूती मिली है। जिससे अब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सत्ता और संगठन के बीच बेहतर तालमेल के साथ मिशन 2022 को कामयाब करेंगे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश के सियासत के अनुसार जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाते हुए मंत्रियों की ताजपोशी की है तो अनुसूचित जाति वर्ग से प्रदेशाध्यक्ष पद पर सुरेश कश्यप की ताजपोशी कर एक वर्ग विशेष का महत्व दिया है। जयराम ठाकुर ने पार्टी हाईकमान से लंबे मंथन के बाद प्रदेश के सभी सियासी समीकरणों का संतुलन बनाते हुए सत्ता और संगठन में ताजपोशी की है जिससे अब तय है कि सत्ता और संगठन दोनों मिलकर मजबूती के साथ मिशन रिपीट का कामयाब करने के लिए काम करेंगे। सत्ता और संगठन में अपनी पसंद के नेताओं की ताजपोशी कर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि वह पूरी तरह निर्णय लेने में स्वतंत्र हैं और उन्होंने साबित किया है कि सत्ता किसी के रिमोट कंट्रोल से नहीं चल रही है बल्कि सभी निर्णय मुख्यमंत्री स्वतंत्रता के साथ ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के मंत्रीमंडल में शामिल मंत्रियों की बात की जाए तो पूरी तरह क्षेत्रीय और जातीय समीकरण का समन्वय नजर आता है। मंत्रीमंडल में ब्राम्हण वर्ग से दो मंत्री का प्रतिनिधित्व है जिसमें शिमला से सुरेश भारद्वाज तो बिलासपुर जिले के घुमारवीं से राजेंद्र गर्ग शामिल हैं तो ब्राम्हण के साथ प्रदेश के ट्राइबल एरिया से रामलाल मारकंडे को शामिल किया है। वहीं राजपूत वर्ग से मुख्ययमंत्री के साथ मंडी जिले से महेंद्र ठाकुर, कुल्लू जिले से गोविंद ठाकुर और कांगड़ा जिले के देहरा से विक्रम ठाकुर और नूरपुर से राकेश पठानिया और ऊना जिले से वीरेंद्र कंवर के रुप में प्रतिनिधित्व दिया गया हैं। वहीं प्रदेश की सियासत में जातीय समीकरण के अनुसार ओबीसी वर्ग भी महत्वपूर्ण हैं जिससे ओबीसी वर्ग से कांगड़ा जिले के शाहपुर से सरवीन चौधरी तो सिरमौर जिले के पाऊंटा साहित से सुखराम चौधरी को शामिल किया गया है। आरक्षित वर्ग को मंत्रीमंडल में प्रतिनिधित्व देते हुए सोलन जिले के कसौली से राजीव सहजल को शामिल किया गया है। इस तरह सरकार में पूरी तरह जातीय और क्षेत्रीय समीकरण का संतुलन बनाकर सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करती एक जनहितैषी सरकार बनाई है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जनता के बीच में अपनी छवि एक ईमानदार मुख्यमंत्री के रुप में बनाने में कामयाब हुए हैं। इसी तरह की छवि वह सत्ता और संगठन में शामिल नेताओं की बनाने में जुटे हैं। जनता के बीच ईमानदार सरकार की छवि बनाने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सरकार सभी कार्य पारदर्शिता के साथ करती है। इसी छवि को बनाए रखने के लिए सरकार डिजिटली करण का कार्य हर विभागों में कर रही है जिसका आशय है कि सरकार के हर काम और हर निर्णय की जानकारी जनता को उपलब्ध रहे।