शिमला, 2 मई । हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण के लगातार जानलेवा साबित होने के चलते प्रदेश सरकार द्वारा लगाई गई बंदिशों का शनिवार और रविवार को व्यापक असर देखने को मिला। इस दौरान प्रदेश भर में जहां बाजार बंद रहे वहीं सड़कें सूनी पड़ी थी और इक्का-दुक्का वाहन ही सड़कों पर चले। राज्य में कोरोना के बेकाबू होने और बड़ी संख्या में मौतों का सिलसिला जारी रहने के चलते प्रदेशवासी घबराए हुए हैं तथा घरों से बाहर निकलने से संकोच कर रहे हैं।
प्रदेश की राजधानी शिमला में हालांकि आवश्यक वस्तुओं की दुकानें दिन भर खुली रहीं लेकिन इसके बावजूद बाजारों में इक्का-दुक्का लोग ही नजर आए। यही हाल अन्य जिलों का भी रहा। किन्नौर जिला प्रशासन ने कल तीन मई से जिले में बंदिशें बढ़ा दी हैं। जिले में अब दिन में तीन बजे तक ही दुकानें खुली रहेंगी। हालांकि इसके बाद लोगों के आने जाने पर कोई रोक नहीं होगी।
उधर प्रसिद्ध स्थल मनाली में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है। यहां इन दिनों पर्यटकों से भरी रहने वाली सड़कें और गलियां वीरान हैं तथा स्थानीय लोग भी बहुत कम संख्या में घरों से बाहर निकल रहे हैं। पर्यटकों की आमद बंद हो जाने के चलते अधिकांश स्थानीय दुकानदार अपनी दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान खोलने से भी परहेज कर रहे हैं।
दूसरी ओर प्रदेश सरकार ने राज्य के लोगों से सोशल मीडिया में लॉकडाउन को लेकर फैलायी जा रही अफवाहों से सावधान रहने को कहा है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल प्रदेश में लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा लेकिन पहले से जारी बंदिशों को कड़ाई से लागू किया जाएगा। इनमें सार्वजनिक परिवहन में केवल 50 प्रतिशत सवारियों के साथ बसें चलाना, सरकारी कार्यालय में 50 प्रतिशत हाजिरी और शनिवार व रविवार को बाजार व सरकारी कार्यालय बंद रखना शामिल हैं।
इस बीच मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कल शिमला में एक बार फिर कोरोना से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करेंगे। पड़ोसी राज्य हरियाणा में एक सप्ताह के लॉकडाउन को देखते हुए इस बैठक में सरकार कोई बड़ा फैसला ले सकती है।
नहीं चलेंगी निजी बसें
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा निजी बस आप्रेटरों की मांगें नहीं माने जाने के चलते कल तीन मई से प्रदेश में निजी बसों के पहिये थम जाने पक्के हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक निजी बस आप्रेटरों ने सरकार के अड़ियल रवैये को देखते हुए अपनी हड़ताल वापिस लेने से इनकार कर दिया है। ऐसे में कल से राज्य में सड़कों पर निजी बसें नहीं दौड़ेंगी। नतीजतन लोगों को परेशानी होना तय है। इससे बचने के लिए लोगों को समय पर अपने गंतव्य की ओर निकलना होगा।