मंत्री द्वारा मारपीट मामला

मंत्री द्वारा मारपीट मामला
अनिरुद्ध सिंह का जवाबी हमला, मारपीट के आरोपों से इनकार
एनएचएआई के अधिकारी देश भर में सबसे भ्रष्ट
शिमला, 02 जुलाई।
एनएचएआई के दो अधिकारियों के साथ मारपीट के आरोपों से घिरे हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि उन्होंने किसी से मारपीट नहीं की है। अनिरुद्ध सिंह ने बुधवार को शिमला में एक पत्रकार वार्ता में कहा कि एफ आई आर दर्ज होने से कोई दोषी साबित नहीं होता। उन्होंने कहा कि एनएचएआई देश में सबसे भ्रष्ट विभाग है और जितने भी एनएच और फोरलेन के कार्य हो रहे हैं, उसमें ठेकेदारों और एनएचएआई का नेक्सस काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि एनएचएआई “अवैज्ञानिक और खतरनाक” तरीके से कार्य कर कर रहा है जिससे हिमाचल में जान-माल का बड़ा नुकसान हो रहा है।
अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि नितिन गडकरी दिल्ली में बैठ कर बयान दे रहे हैं और उन्हें जमीनी हकीकत मालूम नहीं है। अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि वह इस मुद्दे को लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन वह राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात करेंगे और उच्च स्तरीय जांच की मांग करेंगे। अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि क्या कोई पूछेगा कि एनएचएआई की लापरवाही से हुए नुकसान की जांच कौन करेगा? हर साल लोगों की जान जा रही है, जवाबदेही किसकी है ? उन्होंने कहा कि सरकारी अधिकारी फाइल इधर से उधर कर रहे हैं लेकिन जिसकी जिंदगी भर की कमाई खत्म हो गई वह कहां जाएगा।
मंत्री ने आरोप लगाया कि असली मुद्दा यह है कि एनएचएआई द्वारा अनसाइंटिफिक कटिंग और निर्माण कार्य के चलते हिमाचल में भूस्खलन और इमारतें गिरने की घटनाएं बढ़ रही हैं। परवाणु से शिमला तक 125 फीट गहरी कटिंग हो रही है, लेकिन रिटेनिंग वॉल्स सिर्फ 8-10 फीट की है। यह कैसी इंजीनियरिंग है? उन्होंने कहा कि हर साल लोग मर रहे हैं, मकान ढह रहे हैं और एनएचएआई आंख मूंदे बैठा है और मुआवजे की बात कह रहा है।
अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि जिन अधिकारियों के कारण बिल्डिंग गिरने जैसे हादसे हो रहे हैं उनके खिलाफ केंद्र सरकार कड़ी कार्रवाई करे। उन्होंने ये भी कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के खिलाफ प्रदेश में प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1983 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। अनिरुद्ध सिंह ने प्राधिकरण के अधिकारियों को जन भावनाओं के अनुरूप काम करने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ इसलिए मारपीट के आरोप लगाई जा रहे हैं ताकि भट्ठाकुफर में मकान गिरने के मामले से लोगों का ध्यान हटाया जा सके।